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आत्म चिंतन जीवन को सरल रूप और उचित ढंग से व्यवस्थित करने के लिए सबसे उपयोगी कुछ है तो वो आत्म चिंतन है। आपकी हर परेशानियों और मुश्किलों का हल आप आत्म चिंतन से कर सकते है। बस जरूरी है कि आप आत्म चिंतन में सिर्फ अपने आपको जाँचो और परखो , और यह भी जानो की जो आपने किया वह सही किया या गलत , और यह भी की कोई काम उससे बेहतर तरीके से हो सकता था या नहीं, कुछ भूल गए या कुछ ज्यादा कह दिया, इस पर गौर करने की जरूरत आपको खुद में है। हम दूसरों की गलती तो आसानी से बता लेते है, मग़र क्या स्वयं की गलती पर भी उतना ही गौर करते है ? रिश्तों में पनप रही कड़वाहट को आप स्वयं दूर कर सकते है, बस आगे आकर दूसरों की गलती माफ कर या अपनी गलतियों की माफी मांग कर पहले से बेहतर अच्छा रिश्ता फिर से कायम कर सकते है। जो दिल से अपने होते है वे आपको माफी माँगने से पहले ही माफ कर चुके होते है बस आपके वापस आने और बोलने का इंतेज़ार करते है। कुछ कड़वी याद जो आपको रूलाती थी, एक वक्त गुज़र जाने के बाद वह आपके हँसी का कारण भी बन सकती है। अपनी गलतियों से सीखकर हमें आगे बढ़ना चाहिए । गलतियां सभी करते है शायद इसीलिए इंसान को गलतियों का पुतला भी कहा गया है। जीवन में जब तक कोई गलती नहीं करेगा, गिरेगा नहीं, तब तक वह जिंदगी से मिले सबक को कैसे सीख पायेगा और कैसे बुलंदियों पर पहुँच पाएगा। हमें अपने विचारों का अवलोकन करना चाहिए क्योंकि वे आपके शब्द बनते है। हमें अपने शब्दों पर निगरानी रखनी चाहिए क्योंकि वे आपकी क्रियाएं बनती है, हमें अपनी क्रियाएं को प्रतिदिन जांचना चाहिए क्योंकि वे आपकी आदत बनती है, और हमें अपनी आदतों को परखना चाहिए क्योंकि हमारी आदतें ही हमारे चरित्र का निर्माण करती है।✒️ Alok Santosh Rathaur @ehsaas_ki_awaaz
Entry No. THG014
Date: 23rd Oct 2020
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