
मज़हबी ठेकेदारों ने बड़ा बवाल मचा रखा है
धर्म को धर्म नहीं,इल्जाम बना रखा है ।
न इंसान पैदा होते,न इंसानियत जन्म लेती अब
इंसान को हिन्दू और मुसलमान बना रखा है ।
भक्ति,आस्था,अध्यात्म कोई नहीं जानता यहाँ
बस दिखाने को पूजा और अजान बना रखा है ।
असल में बिरले ही मर्म समझते इनका
उनके लिए ही गीता और कुर-आन बना रखा है ।
बेवजह ही पत्थर पूजता है इंसान पत्थर दिल खुद है
फिर भी पूजने को धाम बना रखा है ।
written by:- sapan agrawal.