:—प्रेमी—:
तू मिल जाए किसी मोड़ पर,
बस इसी उम्मीद मे जिए जा रहा हूँ…
यूँ तो महखाने से दोस्ती अच्छी नहीं
मेरी जान,
फ़िर भी तेरी याद मे पिए जा रहा हूँ..
वो बेपरवाह दिन- वो बेचैन रातें अब
दोनो को खोजा करती है,
वो मेरे लिए व्रत- अपने लिए रोज़ा
रखती है….
मेरी उम्मीदों में तुझे- मैनें इस कदर दबा रखा है,
तेरा पहला गुलाब भी- मेरी किताब
में लगा रखा हैं….
ये दिल आज भी तेरे नाम पे ही
धड़कता है- ये होंठ आज भी तेरी
ही तस्वीर चूमा करते हैं,
मेरे शब्द लिखते हैं बस तेरा ही नाम-
मेरे घर के आईने भी अब तेरा ही
अक्स ढूंढा हैं….
:—प्रेमिका—:
उम्मीद है की तू फ़िर मेरी गलियों मे आएगा
उम्मीद है की तू मुझे फ़िर से पुकारेगा,
मैं दौड़कर कुछ यूँ चली आऊंगी-
लिपट जाऊंगी तेरे सिने से और तेरी
बाहोँ में ही रह जाऊंगी….
Insta- @kabiryashhh
By Kabir Yashhh
Entry No. THG03
Date 10-09-2020
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