एक फौजी के अल्फाज……
के लड़कर आया हूँ निभाया हैं धरती माँ के बेटे का फर्ज,
अब जिस कोख से जन्मा उस माँ के बेटे का फर्ज निभाने दे ना,
भगवान मुझे फिरसे धरती पर जाने दे ना…
मरते दम तक रक्षा की हैं, चुका दिया हैं धरती माँ का कर्ज,
अब मेरी उस माँ का थोड़ा सा दूध का कर्ज निभाने दे ना,
भगवान मुझे फिरसे धरती पर जाने दे ना……..
बहोत साल गुजर गए अपनी प्यारी सी बहन से मिले,
सुनी सी पड़ी इस कलाई में उसके प्यारे से हाथो से राखी बंधवाने दे ना,
भगवान मुझे फिरसे धरती पर जाने दे ना….
मेरी एक साथी भी हैं नीचे, मुझसे दूर रहते हुए भी पत्नी का धर्म निभाया हैं,
बंदूको से तो सारे धर्म निभा लिए ,
अब पति का धर्म निभाने दे ना,
भगवान मुझे फिरसे धरती पर जाने दे ना…..
उसकी कोख मे पल रही एक नन्ही सी कली जिसके आने का कब से इंतज़ार कर रहा था,
उसे मुझे एक बार पापा कहके बुलाने दे ना,
भगवान मुझे फिरसे धरती पर जाने दे ना……
भगवान मुझे फिरसे धरती पर जाने दे ना……..
सन्नी रोहिला
@its_sunnyrohila
एक फौजी के अल्फाज……
About Post Author
Sachin Gupta
Author
Share this:
- Click to share on Twitter (Opens in new window)
- Click to share on Facebook (Opens in new window)
- Click to print (Opens in new window)
- Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
- Click to share on Reddit (Opens in new window)
- Click to share on Tumblr (Opens in new window)
- Click to share on Pinterest (Opens in new window)
- Click to share on Telegram (Opens in new window)
- Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
- Click to share on Skype (Opens in new window)