ये बात उनकी नहीं जो देश के रखवाले है
ये बात उनकी है जो देश में रखवाले है
जो जल्दी उठ कर आता है शुद्धि हर ओर फैलाता है
जो हम सब के बीच कचरेवाला कहलाता है ।
कचरों के ढेर में, गंदगी के कुबेर में
वो सफाई के कण कण ढून्ढ लाता है
जो हम सब के बीच कचरेवाला कहलाता है ।
नालों में, हर रोज, नाकि सालो में
हर रोज वो गंदगी में नहाता है
जो हम सब के बीच कचरेवाला कहलाता है ।
हम जब सफाई के महलो में शान से रहते है
तो वो हमे सफाई देने के लिए, गंदगी में गोते लगाता है
जो हम सब के बीच कचरेवाला कहलाता है ।
सोचो उसके परिवार की, उसके अपने द्वार की
जहां वो काम के बाद जाता है
जो हम सब के बीच कचरेवाला कहलाता है ।
बदबू की दुर्गन्ध को अपना समझ कर
जिसका परिवार उसे सुगंध समझ राह ताकता है
जो हम सब के बीच कचरेवाला कहलाता है ।
वो जब काम पर जाकर,बदबू की चादर ओढ़ कर
हम तक खुशबु पंहुचा कर, दो पैसे कमाता है
आखिर क्यों वो कर्मवीर कचरेवाला कहलाता है ।
-: अंशुल जैन :-
About Post Author
Sachin Gupta
Author
Share this:
- Click to share on Twitter (Opens in new window)
- Click to share on Facebook (Opens in new window)
- Click to print (Opens in new window)
- Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
- Click to share on Reddit (Opens in new window)
- Click to share on Tumblr (Opens in new window)
- Click to share on Pinterest (Opens in new window)
- Click to share on Telegram (Opens in new window)
- Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
- Click to share on Skype (Opens in new window)