बेइन्तेहा इश्क़
उसकी एक अदा पर दिल कुर्बान करने को जी चाहता हैं,
उसे गले लगाकर अपना बनाने को जी चाहता हैं।
©️दीपशिखा अग्रवाल।
रोश्निदान हैं इश्क़ मेरा
आज भी सिर्फ़ एक उन्हीं के नाम से रौशन हैं यह जिंदगी हमारी,
नहीं तो न जाने कहाँ से आतें थें और कहाँ चले जातें थें हम।
©️दीपशिखा अग्रवाल।
इरादा
बचपन में ईनाम के लिए झगड़ते देखा,
बुढ़ापे में ईनाम के लिए ललचाते देखा।
इरादा हमेशा नाम रौशन करने का था,
इसिलिए तो अखबारों में नाम छपते देखा।
©️दीपशिखा अग्रवाल।
प्रेम कब होता है?
प्रेम कैसे होता है?
और प्रेम किससे होता है?
ये जानना उतना ही मुश्किल है,
जितना कि,
आसमान के किनारों को नापने की,
एक इच्छा पाल लेना।
एक छोटी मछली को,
सागर की गहराई तक पहुंचने की इच्छा।
✍️✍️Mohit
बैराग ओर इश्क़ का मेल नहीं है।
मामला दिल का है, खेल नही है।
कुछ निशक्रिय सी हो गई हूँ मैं,
तेरे इश्क़ में बावरी हो गई हूँ मैं।
©️दीपशीखा अग्रवाल!
कुछ निशक्रिय सी हो गई हूँ मैं,
तेरे इश्क़ में मैं जग से वैरागी हो गई हूँ मैं।
©️दीपशीखा अग्रवाल!
मेरे मुक्कदर को देखकर-
वो मुझसे इस तरह खफ़ा हो गया।
वादे करता था जो जीने-मरने के-
वो ज़रा सी बात पर बेवफ़ा हो गया।
Insta- @kabiryashhh
रातें जाग जागकर बिताएं हैं,
दिन में भी चैन नहीं पाता ये दिल।
सिर्फ़ एक उसे ही याद करता रह्ता हैं ये दिल,
बड़ी मुश्किलों से संभलता हैं अब ये दिल।
©दीपशीखा अग्रवाल!
अल्फज़ो का साथ छुटा,
अपनो का भी हाथ छुठा।
अब क्या गिला करे उस खुदा से,
जब खुद पर से ही विश्वास उठा।
©दीपशीखा अग्रवाल!
क्यूँ यह दिल सिर्फ़ एक उसीका होना चाहे,
जब पता हैं वो नहीं हैं किस्मत में फिर भी क्यूँ सिर्फ़ एक उसीका होना चाहे।
क्यूँ समझता नहीं यह दिल,
क्यूँ सिर्फ़ एक उसीको चाहे यह दिल।
©दीपशीखा अग्रवाल!
इश्क़ में आसान नही है किसी का हो जाना
खुद को मिटा कर पाने का नाम इश्क़ है
सखा
मैं अक्सर उसके ख़यालों में रहता हूँ
मैं अक्सर उसके करीब ही रहता हूँ
सखा 🍁
मेरी उससे मुलाकात हुए अरसा बीत गया
पर आज भी वो धुँधली सी मेरे ख़यालों में है
सखा 🍁
मंजिल की तलाश में भूखा प्यासा दर बदर फिर रहा,
पर मंजिल अभी दूर हैं,
परिवार के खातिर मीलो दूर चल रहा वो मजदूर हैं……
सन्नी रोहिला
गलत को गलत कह कर तो देखो,
जमाना तुम्हे मरने पर मजबूर न करदे तो कहना….
सन्नी रोहिला
इस दुनिया में सिर्फ़ एक ही चिज़ अप्नी पायी,
मेरे भाईयो का प्यार और साथ|
खुशीया बहुत थी,
मगर कोई और खुशी इत्नी बड़ी ना थी कभी|
©दीपशीखा अग्रवाल!
बड़ी मुश्किल से पाया हैं तुखे,
अब ना छुटेगा ये साथ कभी|
एक भाई रावण था जिसने अपनी बेहेन के खातिर सीता हरण का ज्घण अप्राध किया ,
एक भाई था राम जिसने अपने भाइयों के लिए अपना सर्वस्व लुटा कर वनवास क़ुबूल किया|
©दीपशीखा अग्रवाल!
बचपन से साथ सिर्फ़ एक तेरा ही चाहा हैं,
हर शरारत में संग तुझे ही मांगा हैं|
हर मुसिबत में साथ तेरा पाया हैं,
हर खुशी में यह दिल मुस्कुराया हैं|
ज़िन्दगी काफ़ी आराम से कटी हैं,
एे मेरे भाई जबसे प्यार तेरा पाया हैं|
©दीपशीखा अग्रवाल!
संक्रमण कई थे,
लेकिन दु: स्वप्न थे चतुर!
©️दीपशीखा अग्रवाल!
वक़्त जो मांगा उन्होंने हमसे,
हमने उन्हें अपनी पूरी ज़िंदगी देदी….
सन्नी रोहिला
मेरे सवालो के आगे ज़वाब कम पड़ जाएंगे,
तुम्हारी नाराजगी के प्रमाण कम पड़ जाएंगे
क्यों शरीफ़ बन रहे हो,तुम्हे सब जानते यहाँ,
जितने ओढ़ोगे नकाब,नकाब कम पड़ जाएंगे
Vishvajeet Singh Rathore✨
बेइन्तेहा इश्क़