बेवज़ह, न जाने क्यों
आज दुःख गायब है भीतर से
न जाने क्यों
आज मै खुदको समय से पहले पा रहा हूँ
न जाने क्यों
आज ये आसमां बड़ा नज़र आ रहा है
न जाने क्यों
आज सब कुछ नया सा लग रहा है
न जाने क्यों
आज वो हो रहा है जो बरसो से नही हुआ
न जाने क्यों
आज संतोष सा है मन में
न जाने क्यों
आज मै खुश हूँ बेवज़ह
Vishvajeet Singh Rathore✨