अरसा हो गया उसके हाथ से निवाला खाये हुए
अगर यही जवानी है तो कुर्बान ऐसी जवानी
उस ममता के लिए।
वर्षों हो गए उसकी गोद में सोए हुए
अगर यही जवानी है तो कुर्बान सही जवानी
उस ममता के लिए
काश लौटा दे कोई वो बचपन और माँ का ढेर सारा प्यार ,
ऐसी सैकड़ों जवानी कुर्बान
उस ममता के लिए।
©sapan agrawal