0 0 Hindi Poetry परिवार Naman Kumar JainAugust 1, 2020 हां वो ही परिवार था आंखें खुली थी मध्दम-मध्दम, मध्दम उंगली हिलती थी दो जने घर में दिखते, जो मेरा संसार था। कुछ बड़ा हुआ, कुछ होश लिया कभी जगता... Share
0 0 Hindi Poetry आईना Naman Kumar JainJuly 23, 2020 आईना तेरी यादें हुई वो आईना, जिसने कभी सच को दिखाया नहीं तेरी सांसे न कर सकी वफ़ा, जिनसे मैंने कुछ भी छिपाया नहीं हां तेरी यादें हुई वो आइना,... Share
0 0 Hindi Poetry विचार Naman Kumar JainJuly 15, 2020 हर सपना सच कर जाओगे, बस मन में एक विचार बना लो। जो चाहोगे पाओगे, बस मन में एक विचार बना लो। कर भरोसा कर्मों का जो आगे बढ़ता जाता... Share